goutam shaw "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid goutam shaw 27 Apr 2024 · 1 min read जीवंत हो तभी भावना है जीवंत हो तभी भावना है , कुछ नरम गरम ख़्वाब है ; उम्मीद के धागा में बंधा ... मंजिल का तलाश है l पगडंडी कठोर , कही ठोकर - कही... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 8 6 92 Share goutam shaw 25 Apr 2024 · 1 min read कवियों का अपना गम लिखने वाले की कमी कहां, पढ़ने वालों में क्षीण हुआ, देख कविता का हाल तमाशा, हर एक कवि उदास हुआ। ओश से पत्ता पत्ता सारा बोर हुआ, बरखा रानी की... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 9 7 100 Share