VEDANTA PATEL Poetry Writing Challenge-2 24 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid VEDANTA PATEL 21 Feb 2024 · 1 min read *** कुछ पल अपनों के साथ....! *** "" चल चाचा जी... कुछ पल यहां गुजार लें.....! कदम-कदम पर उलझनों के फेरे हैं, ऊल-जलूल बातों से घिरे हम मिट्टी के ढेर हैं ; शायद..! ये कल,रहे या न... Poetry Writing Challenge-2 1 165 Share VEDANTA PATEL 21 Feb 2024 · 1 min read *** पुद्दुचेरी की सागर लहरें...! *** " पुद्दुचेरी के तट पर बैठा आवारा मन... देखता नजर नीला आसमान...! कानों में शोर मचाते हवाओं के जोर.. और विभिन्न विचारों के हिलोर...! फिर देखा मैंने, सागर के उन... Poetry Writing Challenge-2 490 Share VEDANTA PATEL 20 Feb 2024 · 1 min read *** अंकुर और अंकुरित मन.....!!! *** "" तुम उगना चाहते हो... और मैं बढ़ना चाहता हूँ...! तुम एक से अनेक... और मैं केवल संवरना चाहता हूँ...! तुम और मैं... हैं एक ओस-बूंद की तरह...! हम मिलेंगे,... Poetry Writing Challenge-2 1 134 Share VEDANTA PATEL 20 Feb 2024 · 1 min read *** अरमान....!!! *** "" चल फिर दो कदम चलते हैं... जिंदगी के किताब को फिर पढ़ते हैं...! कुछ दिन पहले का ये सफ़र... बस यूं ही कैसे गुजर गए, कोई अनुमान नहीं...! कुछ... Poetry Writing Challenge-2 151 Share VEDANTA PATEL 18 Feb 2024 · 1 min read *** कृष्ण रंग ही : प्रेम रंग....!!! *** "" प्रेम रंग ऐसा हो... राधे-माधव जैसा हो...! नयन दृष्टि से अगोचर... न किसी तृष्णा का असर...! आंखों पे, ना नजर हो... प्रेम में केवल कृष्ण ही रंग हो...! सूरत... Poetry Writing Challenge-2 219 Share VEDANTA PATEL 18 Feb 2024 · 1 min read *** बचपन : एक प्यारा पल....!!! *** "" बचपन भी...! कितना प्यारा पल है...!! वर्तमान के संदर्भ में कहें तो...! हर किसी का गुज़ारा हुआ कल है...!! न किसी से, अपनेपन का भाव...! न किसी से परायेपन... Poetry Writing Challenge-2 132 Share VEDANTA PATEL 18 Feb 2024 · 1 min read *** सैर आसमान की....! *** "" आ चल विज्ञान-परी से... आसमान की सैर करते हैं...! चल अपने अरमान को... नील गगन में गढ़ते हैं...! नई विकल्प से, नये संकल्प... चल आसमानी रंग में रंगते हैं....!... Poetry Writing Challenge-2 128 Share VEDANTA PATEL 18 Feb 2024 · 1 min read *** बिंदु और परिधि....!!! *** """ बिंदु.....! ( प्रेम प्रतिक ) , न कोई लंबाई, चौड़ाई, ऊंचाई... और न कोई माप...! न कोई आकार, आकृति, आयतन, क्षेत्रफल... और न कोई परिणाम...! एक "बिंदु" केंद्र बन...... Poetry Writing Challenge-2 193 Share VEDANTA PATEL 18 Feb 2024 · 1 min read *** हम दो राही....!!! *** "" कुछ साल पहले की ये सफ़र... न था पहले से, कुछ खबर...! न मुझे पता, न तुम्हें पता भी कुछ पता.. है ये कैसा डगर..! लेकिन...! चल पड़े, हम... Poetry Writing Challenge-2 1 162 Share VEDANTA PATEL 18 Feb 2024 · 1 min read *** मेरा पहरेदार......!!! *** """ न कोई रिश्ता... न कोई रिश्तेदार...! न कोई सगा-संबंध... न आस-पास-पड़ोस के मित्र-यार...! न जाने कहां से तू आया... हिलाता हुआ पूंछ, दोस्ती का अहसास दिलाया...! पल भर में... Poetry Writing Challenge-2 120 Share VEDANTA PATEL 17 Feb 2024 · 1 min read *** एक दौर....!!! *** " एक दौर गया... एक दौर फिर आया...! तब क्या खोया... और अब क्या पाया...? कुछ हिसाब-किताब नहीं... बस मस्ती से हर दौर में मुस्कूराया...! राहें बनती रहीं... और मैं... Poetry Writing Challenge-2 102 Share VEDANTA PATEL 17 Feb 2024 · 1 min read *** नर्मदा : माँ तेरी तट पर.....!!! *** """ माँ...! तेरी रचना का ही... मैं एक आकार हूँ...! तेरी अतुल्य ममता में ही पल्लवित... मैं एक अलंकार हूँ...! तेरी अक्षुण्ण गोद में आकर, मन पुलकित और... तन चंचल... Poetry Writing Challenge-2 117 Share VEDANTA PATEL 16 Feb 2024 · 1 min read *** तस्वीर....!!! *** "" किसी न किसी जज़्बात की... एक निशानी होती है तस्वीर...! कितना कुछ जुड़ा होता है... अंतःकरण मन में उद्भव विचार...! और पांव पसारते... ये समय के अनवरत चाल, धुंधली... Poetry Writing Challenge-2 179 Share VEDANTA PATEL 16 Feb 2024 · 2 min read *** हमसफ़र....!!! *** "" आ साथ चलते हैं... प्रीत के रंग गढ़ते हैं, न जाने इस सफ़र का, है अंत कहाँ...? एक कदम तेरा होगा... एक कदम मेरा होगा, दम-खम कोशिश पुरजोर... कुछ... Poetry Writing Challenge-2 193 Share VEDANTA PATEL 10 Feb 2024 · 1 min read *** चल अकेला.....!!! *** "" न आयेगा कोई मदद करने इधर... बस कुछ रोशनी के इशारे होंगे...! पांवों में होंगे थकान... मन भी होगा कुछ परेशान...! नज़रों में उम्मीद के झलक भी... ओझल होने... Poetry Writing Challenge-2 156 Share VEDANTA PATEL 10 Feb 2024 · 1 min read *** लम्हा.....!!! *** "" कभी एक लम्हा ऐसा भी आता है... जिसमें बीता हुआ कल नजर आता है...! बस यादें ही रह जाती है, एक दृश्य बनकर... याद करने के लिए...! और... वक्त... Poetry Writing Challenge-2 1 134 Share VEDANTA PATEL 8 Feb 2024 · 1 min read *** आशा ही वो जहाज है....!!! *** """ सुनकर मेरी सपने... बस, दुनिया सारी हंसती है...! बिन पंखों वाली कहकर, मुझको... सब, ताने देने देती रहती है...! क्यों कहती है, ये सब दुनिया... शायद इसका न कोई... Poetry Writing Challenge-2 148 Share VEDANTA PATEL 8 Feb 2024 · 1 min read *** पल्लवी : मेरे सपने....!!! *** "" मैं पंछी बन उड़ना चाहती हूँ... उस अनंत आकाश को छूना चाहती हूँ...! जहां मेरे सपने को उड़ान मिले... मेरे शक्ति, मेरे हौसले की पंख को, एक पहिचान मिले...!... Poetry Writing Challenge-2 1 1 226 Share VEDANTA PATEL 4 Feb 2024 · 1 min read *** चंद्रयान-३ : चांद की सतह पर....! *** "" राहें पनघट की... आसान हो सकती है...! सैर पर्वतों की... आसान हो सकती है...! मगर ये सैर है... चांद की ध्रुवीय सतह पर..., इतना आसान नहीं, ये हो सकती... Poetry Writing Challenge-2 208 Share VEDANTA PATEL 4 Feb 2024 · 1 min read *** सफलता की चाह में......! *** "" सुबह के उजाले में... कुछ ख्वाब जग रहे थे...! चल पड़ा अकेले, साकार करने उसे... कदम, कुछ लड़खड़ाते बिखर रहे थे...! रास्ते पर अकेला सफ़र... कुछ कठिन और असंभव... Poetry Writing Challenge-2 138 Share VEDANTA PATEL 28 Jan 2024 · 1 min read *** अहसास...!!! *** "" अहसास हूँ मैं... दिखता नहीं, पर आस-पास हूँ...! मन में विचरण कर... वजूद पर छा जाता हूँ...!! मेरे पीछे कुछ कदम चल... मुझे या मेरे चाल को, कभी पकड़... Poetry Writing Challenge-2 153 Share VEDANTA PATEL 28 Jan 2024 · 1 min read *** कभी-कभी.....!!! *** "" कभी-कभी सोचा करती हूँ मैं... मेरा-तेरा साथ कब तक है, पता नहीं...! हम में विकास की नशा इतनी प्रबल है... कब कम होगा, कुछ पता नहीं...! यदि तुम न... Poetry Writing Challenge-2 166 Share VEDANTA PATEL 28 Jan 2024 · 1 min read *** मन बावरा है....! *** "" मन में, कुछ आस है... मन में न जाने क्यों...? कुछ और अधिक प्यास है...! हलचल सी झलक है कुछ... मेरे मन की चाह में...! आहट सी है कुछ...... Poetry Writing Challenge-2 132 Share VEDANTA PATEL 28 Jan 2024 · 1 min read *** सागर की लहरें....! *** "" न जाने वो कौन सी बात है , जो सागर की लहरें... मुझसे कुछ कह जाती है...! धीरे-धीरे कुछ पल में... मेरे पांव तल से रेत सरक जाती है...!... Poetry Writing Challenge-2 1 2 157 Share