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जीवन और मृत्यु के मध्य, क्या उच्च ये सम्बन्ध है।
Manisha Manjari
किसने कहा, ज़िन्दगी आंसुओं में हीं कट जायेगी।
Manisha Manjari
वक़्त ने हीं दिखा दिए, वक़्त के वो सारे मिज़ाज।
Manisha Manjari
तुझे ढूंढने निकली तो, खाली हाथ लौटी मैं।
Manisha Manjari
ढलती हुई दीवार ।
Manisha Manjari
नज़रों में तेरी झाँकूँ तो, नज़ारे बाहें फैला कर बुलाते हैं।
Manisha Manjari
ये आकांक्षाओं की श्रृंखला।
Manisha Manjari
आज नए रंगों से तूने घर अपना सजाया है।
Manisha Manjari
दूरियां ये जन्मों की, क्षण में पलकें मिटातीं है।
Manisha Manjari
वस्रों से सुशोभित करते तन को, पर चरित्र की शोभा रास ना आये।
Manisha Manjari
इस नयी फसल में, कैसी कोपलें ये आयीं है।
Manisha Manjari
अखंड साँसें प्रतीक हैं, उद्देश्य अभी शेष है।
Manisha Manjari
धूमिल होती यादों का, आज भी इक ठिकाना है।
Manisha Manjari
क्या है उसके संवादों का सार?
Manisha Manjari
निहारने आसमां को चले थे, पर पत्थरों से हम जा टकराये।
Manisha Manjari
आज कृत्रिम रिश्तों पर टिका, ये संसार है ।
Manisha Manjari
सिंदूरी इस भोर ने, किरदार नया फ़िर मिला दिया ।
Manisha Manjari
मेरे प्रेम की सार्थकता को, सवालों में भटका जाती हैं।
Manisha Manjari
तो मेरे साथ चलो।
Manisha Manjari
कल्पनाओं की कलम उठे तो, कहानियां स्वयं को रचवातीं हैं।
Manisha Manjari
अंधेरों में अस्त हो, उजाले वो मेरे नाम कर गया।
Manisha Manjari
वो लम्हें जो हर पल में, तुम्हें मुझसे चुराते हैं।
Manisha Manjari
मीलों की नहीं, जन्मों की दूरियां हैं, तेरे मेरे बीच।
Manisha Manjari
सजदे में झुकते तो हैं सर आज भी, पर मन्नतें मांगीं नहीं जातीं।
Manisha Manjari
तंग गलियों में मेरे सामने, तू आये ना कभी।
Manisha Manjari