TARAN VERMA “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid TARAN VERMA 11 Jun 2022 · 1 min read पापा के निशान दिखते है अम्बर मे दिखते है जमीन पर बस पापा के निशान से। खेतों मे हल चलाते है धूप को मजा चढ़ाते है बस पापा के निशान से। बड़ी बड़ी... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 3 2 506 Share TARAN VERMA 10 Jun 2022 · 1 min read पापा गोय पापा गोय ए पापा गोय गांव के चिन्हा देखादे भूल गे हो मे घूमे बर मोला गरति आमा खावादे पापा गोय ए पापा गोय। दाई देखत होहि मोला सिथा के... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · Poem 435 Share TARAN VERMA 6 Jun 2022 · 1 min read पापा महान है सीने मे एक दर्द सा लेके बच्चों का पालन करते है ऐसे मेरे पापा महान है। कैसे वो अनुमान लगाते की बच्चा क्या कर रहा ऐसे मेरे पापा महान है।... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 3 215 Share TARAN VERMA 31 May 2022 · 1 min read पापा कहाँ हैं? हर एक दिन बीत रहे सालों साल दशक बीत रहे सवाल यही वो पापा कहाँ हैं? रौनक ना जिनके होने से खुशियाँ रूठ सी जाती हैं सवाल यही वो पापा... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 3 7 212 Share TARAN VERMA 28 May 2022 · 1 min read पिता का साया एक अनोखी सुकून है देता फिक्र का आभास दिलाता आत्मविश्वास को जो बढ़ाता वही तो है पिता का साया। संघर्ष सदा सिखाते जो है बिना रोक आगे बढ़ाते जो हैं... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 3 3 202 Share TARAN VERMA 5 May 2022 · 1 min read पापा हैं आराध्य सदा, पूज्य सदा चरणों मे जिनके विश्व सदा कोई और नही मेरे पापा हैं प्रोत्साहन की मिसाल बने हैं एकता का सूत्र सदा देते कोई रूठ जाएं अगर तो... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 2 118 Share TARAN VERMA 21 Apr 2022 · 1 min read पिता के चरण में नित्य सजाकर फूल कई पिता के चरण मे चढ़ाते हैं। उन पैरो की धूलि लगाते जिन्होंने चलना सिखाया हैं। नियत नेक सदा जिनके थे उनके ही शरण मे जाते है।... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 4 5 213 Share TARAN VERMA 19 Apr 2022 · 1 min read पापा मेरे पापा कई दर्द सीने मे लेकर दुनिया में चलना सिखाते हैं दूजा ना और कोई मेरे पापा हैं सच्चाई की हमेशा राह दिखाते झूट का हर साया हटाते हैं बिन बोले... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 2 117 Share