ईश्वरतत्वीय वरदान"पिता"
क्षितिज से विशाल, रत्नाकर से गहरें, शालीन उदार संयमी तपस्वी, जो कोटिश ऋषिमुनियों की, पवित्र पावन तपोभूमि पर, कठोर तप का, ईश्वरतत्वीय वरदान है.... सांसारिक काँटों के बीच, नन्हें परिंदें...
“पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता