Indra Sharma “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Indra Sharma 18 Apr 2022 · 1 min read पिता पिता तुम वृक्ष छायादार हमको बचाकर खुद सहते रहे मार वाहें उनकी झूला झूलती थी सूंदर सुंदर सपने दिखाती थीं बीच समुंदर खड़े लगाते रहे हमारी नैय्या पार पिता तुम... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 3 4 206 Share