Ruchika Rai “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ruchika Rai 25 Apr 2022 · 1 min read बुजुर्ग पिता बुजुर्ग होते पिता ,मित्र बन जाते हैं अनुभव की भट्ठी में तपे हुए वो अपने अनुभव को सांझा करते हैं। नही थोपते निर्णय अपना, बस मार्ग अपने नजरिये से सुझाते... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 344 Share Ruchika Rai 25 Apr 2022 · 1 min read पिता तपती जेठ की दुपहरी में शीतल मंद बयार से होते हैं पिता। हाड़ कंपकपाती ठंड में अलाव से होते हैं ये पिता। खुद सारे ताप सहते पर बच्चों के ढाल... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 157 Share Ruchika Rai 19 Apr 2022 · 1 min read जीवन सफल नियमों बंधे हुए अनुशासन का पाठ पढ़ाते हैं, छोटी छोटी बातों पर भी गुस्सा हो जाते हैं। सादा जीवन की सिख हमे अक्सर दे जाते हैं, बात बात में ही... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 4 4 184 Share Ruchika Rai 19 Apr 2022 · 1 min read मेरे पापा #मेरे पापा मेरे खुशियों का किनारा, मेरे दुखों में बने सहारा, मेरी प्रार्थना में शामिल सदा, मैं बनूँ उनकी आँखों का तारा। जमाने की हर आँच से मुझे बचाया, सही... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 3 4 179 Share