रेखा कापसे “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid रेखा कापसे 19 May 2022 · 1 min read दोहा छंद- पिता सुखद निलय मधु मूल है, पिता धूप में छाँव। नायक शुभ परिवार का, दृढ़ ग्रहस्थ दे पाँव।।(१) नित्य दिवस निशि कर्म कर, पोषक पालनहार। उदर तृप्त परिवार का, प्रमुदित शुभ... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · दोहा 14 9 1k Share