Pradeep Chauhan “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Pradeep Chauhan 27 Apr 2022 · 1 min read पिता की यादें याद मुझको पिता की रुलाती रही आंख भी अश्रुधारा, बहाती रही।। जिनकी आवाज से हम तो सहमे सदा उनकी आवाज कानों में आती रही।। डांटते थे मगर खूब समझाते वो... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · ग़ज़ल/गीतिका 5 5 322 Share