Vandana Namdev “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Vandana Namdev 26 May 2022 · 1 min read पिता उंगली पकड़ कर चलना सिखाया, सही क्या ,गलत क्या , सब कुछ बताया। थके जब कदम लड़खड़ा कर जमीं पर, पिता ही तो थे, जिसने हमको उठाया। आसां नहीं थे... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 4 4 468 Share