Mamta Rani “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Mamta Rani 30 Apr 2022 · 1 min read पिता पिता रहता है सदा हाँथ सर पे धूप से बचाता छाता जैसे कठोर भी है कोमल भी वो नारियल के ऐसे रहता जैसे कमी नहीं होने देते कुछ भी चाहे... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 34 48 892 Share