Kanchan Khanna “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kanchan Khanna 18 Apr 2022 · 1 min read पापा सारे घर की तुम हो शान, तुमसे ही है मेरी पहचान। आज बहाना नहीं बनाना, पापा जल्दी घर आ जाना। मैं हूँ नटखट और शैतान, करता हूँ तुमको परेशान गुस्सा... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 5 12 575 Share Kanchan Khanna 18 Apr 2022 · 1 min read पिता पिताजी, कैसे कह दूँ , कैसे बता दूँ दुनिया को, आपके लिए मैं क्या थी..? आपकी सोन चिरैया मैं, सीने लगाये जिसको, दिखायी दुनिया आपने, दिया था आसमान, भरने को... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 9 24 1k Share