जगदीश शर्मा सहज “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid जगदीश शर्मा सहज 2 May 2022 · 1 min read पिता हिमालय है पिता परिवार की खातिर, हिमालय सा अचल रहता। पिता का साथ है तो झोंपड़ी सा घर महल रहता ।। पिता की हर खुशी कुर्बान, बच्चों के लिए रहती । पिता... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · मुक्तक 8 14 620 Share