चंदा भूपेंद्र 'चेतना' “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid चंदा भूपेंद्र 'चेतना' 16 Apr 2022 · 1 min read "मेरे पिता" पर्वत से अटल, नदिया की तरह निश्चल , होते हैं, पिता! कुछ भी ना, कह कर, सब कुछ कहते हैं ,पिता ! डांट फटकार में भी, अद्भुत प्रेम, छुपाते हैं,... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 7 17 257 Share