Saraswati Bajpai “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Saraswati Bajpai 15 May 2022 · 1 min read पिता पिता, मेरे सिर की छत, मन की सुरक्षित ढ़ाल हैं । उड़ान मेरे हौंसलों की, अस्तित्व की पहचान हैं । मन में जो दृढ़ता भरे मजबूत वो स्तम्भ हैं ।... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 12 25 741 Share