“श्री चरणों में तेरे नमन, हे पिता स्वीकार हो”
तुम कृष्ण से मेरे सारथी, अर्जुन सा तेरा पार्थ मैं जो पथ प्रसस्थ तुमने किया, उस पर चलूं निस्वार्थ मैं जिज्ञासा वश उत्पन्न हुए गर, मस्तिष्क मेरे प्रश्न जो उत्तर...
“पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता · गीत