SHASHANK TRIVEDI उत्सव - कहानी प्रतियोगिता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid SHASHANK TRIVEDI 13 Nov 2021 · 3 min read पचास रुपए का रावण वो दशहरे का ही दिन था, मैं बाल कटवाने नाई की दुकान पर गया हुआ था। भीड़ बहुत थी सो बाहर पड़ी मेज़ पर ही बैठ गया। तभी पांच छह... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 6 775 Share SHASHANK TRIVEDI 10 Nov 2021 · 6 min read इस दिवाली भी जब भी इन फटती - दरकती दीवारों को देखता हूं तो लगाता है जैसे कंस किले की ये बूढ़ी बीमार दीवारें मिट्टी की उल्टी कर रही हों। इस वीरान किले... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 6 739 Share