Ananya Pahari साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Ananya Pahari 21 Jul 2021 · 2 min read "तर्क हमेशा विद्यमान रहा है, किंतु तर्कसंगत रूप में नहीं" *तर्क हमेशा विद्यमान रहा है, किंतु तर्कसंगत रूप में नहीं* आइना बोल पड़ा "बहुत बदल गई हो तुम!" ऐसा लगा मानो कोई अतीत के अंधकार में धकेलने की कोशिश कर... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 467 Share