Posts Competition: “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता 409 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid नेहा आज़ाद 15 Jun 2021 · 2 min read कुछ तो तुम भी बदल गयी बरसात अब तो बरसात भी हो गयी पेड़ों को नया जीवन भी मिल गया और धरती को तपिश से राहत भी मिल गयी लोगों ने भी चैन की साँस ले ली... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 6 266 Share पंकज कुमार कर्ण 15 Jun 2021 · 1 min read "मुक्तक"(घनघोर वर्षा).... ****मुक्तक**** @@@@@@@ आज बादल चहुं ओर थी। वर्षा हुई बहुत घनघोर थी। जलमग्न हुई है पूरी धरती, यह दृश्य बहुत बेजोड़ थी। .........✍️ स्वरचित सह मौलिक पंकज कर्ण कटिहार। ?8936068909 “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 5 4 509 Share Awadhesh Pandey 15 Jun 2021 · 1 min read बरसात में काले बादल रूप तुम्हारा अद्भुत प्यारा, श्याम सलोना सा लागे।। सरगम छेड़ा है जो तूने, बसंतदूत की ध्वनि सा लगे।। करते हो जब नभ में विचरण, विरह व्यथित प्रेमी सा लागे।। बरसाते... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 2 213 Share Chhotoo Kumar gupta 15 Jun 2021 · 1 min read वर्षा ऋतु तू ऋतुओ की रानी है वर्षा ऋतु तू ऋतुओ की रानी है । तेरे न आने से हाहाकार मच जाता ।। तेरे बिना जीवन संकट में पड़ जाता । चहु और त्राहि त्राहि मच जाती... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 2 790 Share Chhotoo Kumar gupta 15 Jun 2021 · 1 min read नभ के नीले आँगन में नभ के नीले आँगन में घन घोर घटा घिर आईं। इस मर्त्य-लोक को देने जीवन-संदेशा लाईं। है परहित निरत सदा ये मेघों की माल सजीली। इस नीरस, शुष्क जगत को... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 1 519 Share Aarti sirsat 15 Jun 2021 · 1 min read बारिश में शीर्षक:- बारिश में मौहब्बत की शुरुआत....देखो हो रही है बारिश में..... मौहब्बत की शुरुआत....देखो हो रही है बारिश में..... मिल रहें है दो दिल....देखो बारिश में..... मिल रहें है दो... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 6 11 355 Share डॉ. कंवर करतार 15 Jun 2021 · 1 min read पहुँचूं मैं कैसे प्रियतम के आंगन -गीत पहुँचूं मैं कैसे प्रियतम के आंगन -गीत ( पहाड़ में रिवाज -नव दुल्हन अपनी पहली बरसात मायके में गुजारती है- उसके विरह ग्रस्त मन की व्यथा ) स्पर्श-स्वाद-स्वर-आँख-गंध में साजन... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 1 2 235 Share Taran Verma 15 Jun 2021 · 1 min read बरसात हैं आई बरसात हैं आई, बरसात हैं आई। नभ में काली - काली घटा ले आई।। डर से भरी बिजली को संग हैं लाई। किसानों के आंखो का तारा बनने ये आई।।... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 2 229 Share Laxminarayan Upadhyay 15 Jun 2021 · 1 min read बरसात तेरी हल्की सी बूंद की खुशबू में प्रकृति की डाली झुक जाये एक राह में बैठे तके सह तेरी जैसे कंठो की स्याही सूख जाये एक आस तू नि:श्वास ह्रदय... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 4 218 Share नीरज कुमार ' सरल' 15 Jun 2021 · 1 min read बरसात, "आफत या सौगात" गर्मी से राहत, बारिश की थी चाहत। बूंदों का, झूम कर सबने किया स्वागत।। प्रफुल्लित मन, खिल उठे वन उपवन। धरती की प्यास बुझी, महक उठा जीवन।। मेघों ने भी... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 14 865 Share नीरज कुमार ' सरल' 15 Jun 2021 · 1 min read बरसात बरसात आई झमाझम। लेकर नई सौगात झमाझम। खिल उठे चेहरे किसान के झमाझम। लगा बादल भी खिल -खिलाने झमाझम। चारो ओर मिट्टी की खूशबू झमाझम। बरसात आई लेकर नई आश... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 10 497 Share bhandari lokesh 15 Jun 2021 · 1 min read वो इश्क़ क्या ? वो इश्क़ क्या, जिस इश्क़ की सजा नहीं हुई वो जिंदगी रंगीन नहीं, जो तबाह नहीं हुई वो ख़्वाब क्या, जिन ख़्वाबों में शामिल नहीं हो तुम अब बचा नहीं... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका 5 6 423 Share Ranjana Mathur 15 Jun 2021 · 1 min read अब तो जागो कविता शीर्षक - "अब तो जागो" उमड़ घुमड़ घिर आते बादल फिर धुंआधार बरसाते बादल अन्तहीन करते जलवृष्टि हाहाकार मचाते बादल हुआ है चहुंदिश जलप्लावन बाढ़ से ग्रसित हुआ जन... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 1 342 Share Ranjana Mathur 15 Jun 2021 · 1 min read तुम आए हो शीर्षक - " तुम आए हो?" उमड़- घुमड़ श्यामल मेघावरि दमक रही तड़ तड़ित दामिनी शोर हुआ घनघोर घटा का झर - झर बुंदियाँ बरसाए हो सुना है कि तुम... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 1 204 Share Munish Bhatia 15 Jun 2021 · 1 min read बरसात किससे कहूँ जग में व्यथा अपने ह्रदय की और किस अज़ीज़ पर यकीन करूं अब मैं मौन निमंत्रण भेजा जब भी ठुकराया जग में उतनी ही बार गया ! जीवन... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 1 341 Share Ranjana Mathur 15 Jun 2021 · 1 min read आया सावन कविता शीर्षक - आया सावन पर्ण-पर्ण हरीतिमा खिली है मौसम क्या मनभावन है छाया। शु हर हृदय की कली खिली है सौंधी माटी ने है मन भरमाया। झनन झनन झन... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 2 293 Share Ranjana Mathur 15 Jun 2021 · 1 min read तब मानूँ मैं ?????????? साहित्य पीडिया काव्य प्रतियोगिता - विषय - " बरसात " ?????????? कविता शीर्षक - "तब मानूँ मैं" प्राणी के तन की ही नहीं उठती मन की भी उमस क्लांत... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 2 255 Share Ranjana Mathur 15 Jun 2021 · 1 min read तू नीर बहा दे ?????????? साहित्य पीडिया काव्य प्रतियोगिता - विषय - " बरसात " ?????????? कविता शीर्षक - "तू नीर बहा दे" प्रावृट् की आ गयी है बेला मेघवृत्त हुआ है अम्बर उड़त-... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 2 248 Share Jyoti Prakash Rai 15 Jun 2021 · 1 min read बादल आज बारिश की बूंदें मेरे तन पर पड़ी याद आ गई मुझको अपनी बीती घड़ी समय से पहले मै उस जगह आ चुका था मोहब्बत में उस दिन बादल भी... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 1 209 Share Indu Sharma 14 Jun 2021 · 1 min read बरसात बरसात में अब कहां वो बरसात होती है दिन में ही अब दिनदहाड़े रात होती है , बरसात भी रिश्तो की तरह अब बदल गई है , बरसात किसी और... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 5 442 Share Ashok Sharma 14 Jun 2021 · 1 min read ◆आओ ना बरसात◆ ◆आओ ना बरसात◆ °°°°°°°°°°°°°°°°°°°° (मनहरण घनाक्षरी में रचना) वर्षा काल अनमोल,नभ देता आंखें खोल। हर्ष भरे मेघ भैया , धरती पे आओ ना।। धरा अब तप रही, खुशियाँ भी ठप... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · घनाक्षरी 3 4 233 Share Aarti sirsat 14 Jun 2021 · 1 min read बरसात की बूंदें शीर्षक:- बरसात की बूंदें हमसे पूँछ रही है बरसात की बूंदें पता तुम्हारा..... रहते हो मुझमें तुम और पता बता दिया दिल है हमारा..... सावन की पहली बरसात जो तुम... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 8 351 Share Rajesh Kumar Kaurav 14 Jun 2021 · 1 min read बरसात (दोहे) जून माह की गर्म लू, करती जब बेचैन । मानसून के साथ ही,मिलता है कुछ चैन । बूँद बूँद बरसात हो,गिरती कभी फुहार। झरझर पानी पड़ रहा ,ठंडी चले बयार।।... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 3 596 Share Ruchi Sharma 14 Jun 2021 · 1 min read बारिश ।।बारिश।। वो रिम-झिम, बरसती बारिश, जैसे कुछ तान सुनाती हो बारिश, वो बचपन की मस्ती, वो कागज की कश्ती, फिर से याद दिलाती है, बारिश। वो बेफिक्र होकर, बारिश में... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 19 24 454 Share Dr. Rekha Saxena 14 Jun 2021 · 1 min read प्रीत की वर्षा जब से तुझसे प्रीत लगाई अमर प्रेम?की हुई सगाई। मन से मन का मिलन हो गया शहनाईयाँ भी देतीं बधाई।। प्रीत की वर्षा पाकर खिलता सुनसान मरूस्थल सा जीवन पुलकित... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 3 3 257 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Jun 2021 · 1 min read "वर्षा-ऋतु".. "वर्षा- ऋतु ********** वर्षा- ऋतु जब आती है, ढेर सारा खुशियां लाती है। हम स्कूल नही जाते है।, बारिश में खूब नहाते हैं। फलों के राजा आम को, ऋतु संग... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता · बाल कविता 8 9 696 Share कुमार किशन कीर्ति 14 Jun 2021 · 1 min read आया बरसात का मौसम देखकर काले-काले बादल हर्षित हुए किसान। मालिने भी गाने लगी बागों में सुमधुर गान। देखो उन पंछियों को जो ग्रीष्म से बेहाल थे। अब,वे भी चहक कर बरसात का स्वागत... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 4 243 Share Harinarayan Tanha 14 Jun 2021 · 1 min read बात होती ही नही है उस बात कि तरह बात होती ही नही है उस बात कि तरह रात होती ही नहीं है उस रात कि तरह तनहा कहने को है रंगीन आलम मगर बरसात होती ही नही है... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 3 4 313 Share Kumar Kalhans 13 Jun 2021 · 1 min read सब ऋतुओं की रानी हो तुम , बरखा अमर जवानी हो तुम। सब ऋतुओं की रानी हो तुम। बरखा अमर जवानी हो तुम। तुमसे धरा हुल्लसित होती , पुष्पित और पल्लवित होती, बांझ नहीं ये साबित होता, तेरे वीर्य से गर्वित होती,... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 3 372 Share Poonam Sharma 13 Jun 2021 · 1 min read बारिश का पानी कुछ तो समझो ऐ मानव , मौसम का इशारा है | वक्त बेवक्त की यह बारिश , यह बादल का फटना , यह पानी का विक्राल रूप और यह तूफान... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 5 458 Share Shabnam Bano 13 Jun 2021 · 1 min read देखो _देखो बादल कैसे झम झम झम बरसा रहे हैं ये आसमां के आंसू हैं या बागों चमन नहा रहे हैं देखो _देखो बादल कैसे झम झम झम बरसा रहे हैं प्यासी धरती बोल रही है और भी पानी लाकर... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 2 2 295 Share Sidhant Sharma 13 Jun 2021 · 1 min read बरसात की आत्मकथा मैं बरसात हूँ, और मैं थक चुकी हूँ। थक गई हैं मेरी बूंदे, एक दूषित धरती की तड़प मिटाते-मिटाते। टूट चुका है मेरा मन, पक्की ज़मीन की असीमित प्यास बुझाते-बुझाते।... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 10 617 Share Nagendra Nath Mahto 13 Jun 2021 · 1 min read #पूर्वा-बयार # देखो-रे-देखो, पूर्वा -बयार है आयो। संग लायो, काले मेघन के सायो।। उमड़-घुमड़ बदरा बरसन को आतूर, तनिक धीरज धरो। चिलचिलाती धूप कूँ ढ़ाँकत-ढ़ाँकत, तीखा निदाघ देखो काफूर कियो। शीतलता ही... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 16 416 Share Vikas Sharma'Shivaaya' 13 Jun 2021 · 1 min read बरसात कभी ख़ुशी कभी गम ये बरसात भी अजीब है कभी बूंदा बांदी ,कभी छींटें ,कभी मूसलाधार ईश्वर तनिक परेशां -तो छलकते हैं आंसू बूंदाबांदी रूप में ईश्वर कुछ ज्यादा परेशां- तो छलकते हैं आंसू... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 2 176 Share अनिल अहिरवार"अबीर" 13 Jun 2021 · 1 min read "बरसात का आगमन हुआ" जिंदगी और मौत के बीच, बरसात का आगमन हुआ, नव कलरव गीत, अब जीत का सुभागमन हुआ। घोर घटायें छाई हैं, मन मुरझायें है, कहीं कोई तो आशा का दीप... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 8 232 Share Kumar Kalhans 13 Jun 2021 · 1 min read बरस रही हो बरखा रानी पर अंदाज़ अलग है। बरस रही हो बरखा रानी पर आग़ाज़ अलग है। बीते कुछ बरसों से तेरा रंग अंदाज़ अलग है। कहीं कहीं पर बूंदे झरतीं कहीं कहीं पर पत्थर, कहीं खुशी की... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 10 1 450 Share पंकज कुमार कर्ण 13 Jun 2021 · 1 min read "कविता" बरसाती..... "कविता"बरसाती*** @@@@@@@@ ये 2021 की नई बरसात है, वर्षा ऋतु की ये सौगात है। हो रही कविताओं की बारिश, इसमें कई कवियों का हाथ है। ये बरसात ऐसे हो रही... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 9 874 Share Nagendra Nath Mahto 13 Jun 2021 · 2 min read #पानी# पानी रे पानी, क्या है तेरा स्वरूप?।। कभी वर्षारानी तो कभी जीवनदात्री माता कहलाये तो कभी भाग्यविधाता। श्रृष्टी मेंं सर्वश्रेष्ठ हो तुम ही एक जीवनदाता। गर्मियों की तपिश मेंं जब... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 13 447 Share Vedha Singh 13 Jun 2021 · 1 min read बारिश बारिश की बूंदें गिरी, घिरी घटा घनघोर। बिजली चमकी जोर से, मेघ मचाए शोर।। मेरा मन तो चल पड़ा, खुले गगन की ओर। खेलूँ बूँदों संग मैं, होकर भाव विभोर।।... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 6 256 Share Vedha Singh 13 Jun 2021 · 1 min read बरसात हवा चली है ज़ोर-ज़ोर से, घिरी घटा घंघोर| पेड़ संग में झूल रहे सब, पत्ते करते शोर| बादल करते घनर-घनर कर, बारिश का एलान| पक्षी उड़ते आसमान में, छेड़े मधुरम... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 4 3 361 Share Simmy Hasan 12 Jun 2021 · 1 min read छाजन छाजन टपकता था बारिशों में रात भर टप टप टप उनींदी आंखों में नींद की कड़वाहट लिए कभी भरी बाल्टियाँ उलिंचती और कभी सोए बच्चों को थपकतीं बारिशें.... किसानों की... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 3 283 Share Kavi Ramesh trivedi 12 Jun 2021 · 1 min read सावन की बरसात सावन की बरसात मेघ करें गड़-गड़| स्याम रंग बदली से बूंद गिरें झम- झम| कामरूप पुरवा भी नृत्य करे छम-छम| हरित अंग फसलों के ईख करे सर-सर| सावन की बरसात... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 5 10 243 Share Kavi Ramesh trivedi 12 Jun 2021 · 1 min read बादल गीत आजा बादल आजा बादल घुमड़ – घुमड़ के छा जा बादल| दादुर झींगुर तुझे बुलाते पीपल पात लगे मुरझाने| ईख खड़ी खेतों में रोती अश्रु धरा के रज पी लेती|... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 2 9 320 Share Rashmi Sanjay 12 Jun 2021 · 1 min read 'काश न फिर अब बारिश आए' बूँद बूँद आँगन टपका है, घर का तम अब भय भरता है । झंझावातों संग आयी है, फिर बरसात प्रलय लायी है । फिर कितना कुछ बह जायेगा, मिट्टी का... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता · बाल कविता 6 8 369 Share Kavi Ramesh trivedi 12 Jun 2021 · 1 min read बर्षा सावन मे आई है सज-धज कर बर्षा सावन मे आई है सज-धज कर मेघ बदली से आये नहा धोकर| मेघ के बीच दामिनी के खिलते सुमन ले हिलोरें चले शीत लहरी पवन| नदी नाले भी भर... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 4 11 411 Share दीपक श्रीवास्तव 12 Jun 2021 · 1 min read !!** बलखाते बादल **!! !!** बलखाते बादल **!! काले बादल, भूरे बादल अम्बर में इतराते बादल, अपनी मस्ती में रहते हैं इधर-उधर मंडराते बादल।। कैसे-कैसे रूप बनाते कभी डराते कभी हंसाते आपस में जब... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 6 6 272 Share Astuti Kumari 12 Jun 2021 · 1 min read कसौटी कसौटी क्या है? परिंदों ने कहा, उड़ान भरना ही कसौटी है। नाविक ने कहा, लहरें चीरना ही कसौटी है। पर्वतों ने कहा, ऊंचाई छूना ही कसौटी है। गुलाब ने कहा,... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 8 315 Share Astuti Kumari 12 Jun 2021 · 1 min read स्त्री चेतन कालचक्र पे आश्रित जीवन, चुनौतियों का है संकलन, गंतव्यता की ओर अग्रसित मन, कर्मयोगी बनने का करता प्रयत्न। क्षण भंगुर उत्कंठित अंतर्मन, सामाजिक बेड़ियों से है गमगीन, बेडिया ; चहारदीवारी... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 4 257 Share Dr. Pratibha Mahi 12 Jun 2021 · 1 min read कहीं रिम झिम फुहारें हैं कहीं रिम झिम फुहारें हैं, कहीं तूफां का मंज़र है कहीं गुल खिलते उल्फत के, कहीं ग़म का समन्दर है है कुदरत ने विचारा क्या, कहें मनसूबे क्या उसके बरसता... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 5 3 296 Share Neha 12 Jun 2021 · 1 min read अमृत धारा नील गगन से आने वाली वर्षा संग लाना तुम अमृत धारा धुल जाये सब पीड़ा जग की सुन लो बात यह अन्तर्मन की आज जग में छाया सघन अन्धकार त्राहि... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 18 612 Share Page 1 Next