सत्येन्द्र प्रसाद साह (सत्येन्द्र बिहारी ) "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid सत्येन्द्र प्रसाद साह (सत्येन्द्र बिहारी ) 13 Feb 2021 · 1 min read प्रेम की उलझन मन के गुलिस्ताँ में क्यूँ हरदम खलिश सी होती है, चुम्बिस है सर्द हवाओं में फिर भी सासों में तपिश सी होती है। अक्स तेरी मेरी आंखों के आइने में... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 27 506 Share