Sandeep Raaz Anand "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Sandeep Raaz Anand 13 Feb 2021 · 1 min read ग़ज़ल बहुत उलझी हुई है जिंदगी अब। उपर से साथ में है शाइरी अब। मैं कितने रोज तक रोया करूंगा चलो न छोड़ते हैं आशिक़ी अब। दीवाना मर न जाए सामने... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 30 433 Share