अभिनव अदम्य "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid अभिनव अदम्य 1 Feb 2021 · 1 min read सभी ख़त हमारे जलाने लगे हैं। ग़ज़ल काफ़िया- आने रदीफ़- लगें हैं। 122 122 122 122 मुझे इस तरह वो भुलाने लगें हैं। सभी ख़त हमारे जलाने लगें हैं। कभी साथ छूटे न अपना कहा था... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 77 597 Share