Krishna Kumar Mishra "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Krishna Kumar Mishra 6 Feb 2021 · 1 min read अमर प्रेम- (सवैया) जब था किशोर, मन उठता हिलोर खूब, मैं भी कई बार दिनभर में संवरता ... घर से निकलता था, कालेज में पढ़ने को, मन में मिलन की उमंग लिए फिरता... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 33 118 1k Share