सुनीता सिंघल "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid सुनीता सिंघल 15 Dec 2020 · 1 min read ईश्वर ढूंढते थे ईश्वर मंदिरों में,विपदा पड़ी तो जाना, वो तो,रहते हैं थाने और अस्पतालों में। न अपनों से मुलाकात,न आराम की कोई बात, पी.पी.ई ,की परतों के बीच ,पसीने से... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 69 187 1k Share