roopesh srivastava kafir "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid roopesh srivastava kafir 24 Dec 2020 · 1 min read कोरोना ॥कोरोना॥ जीवन चल रहा था अपनी रफ़्तार से, धरती कराह रही थी दोहन की मार से, पशु-पक्षी भयभीत थे आदमियों के भरमार से, अब तो बस उम्मीद बची थी परवरदिगार... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 50 557 Share