Rahul Gaur "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Rahul Gaur 3 Jan 2021 · 1 min read जादूगरों की जान सहमी, दुबकी बैठी दुनिया, बिल्कुल चुप्पौ चाप, आँखें फाड़े देखै, कैसा मचा हुआ संताप, चलते फिरते पुर्ज़ों की भी, हरकत ऐसे बंद हो रही जीवन की गाड़ी की जैसे निकले... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 45 56 1k Share