Indu Nandal "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Indu Nandal 3 Jan 2021 · 1 min read कोरोना को और न ढोना कोरोना को और न ढोना कोरोना का अनजाना भय,बिगाड़ रहा था जीवन की लय। हवाई जहाज़ों की उड़ी हवाइयाँ,असंख्य लोगों की बंद हुई कमाइयाँ । कोरोना ने क्या दिन दिखलाए,... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 54 141 2k Share