MUKESH KUMAR "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid MUKESH KUMAR 7 Jan 2021 · 1 min read कोरोना की हार अकल्पनीय चित्र है, स्थिति विचित्र है। सब कुछ स्थिर है, भविष्य अनिश्चित है। अनश्वर नहीं नश्वर है, भले समस्या विस्तृत है। यह परीक्षा का पल है, आज धैर्य तो ही... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 13 32 769 Share