Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2024 · 1 min read

Can I hold your hand- एक खूबसूरत एहसास

सब दर्द भुलाकर भी इंसान को जीना है
क्या काम है नदियों का ? बस आँसू पीना है,
हँसते हँसते जग से हर पीर छुपानी है।
ज़िंदगी और कुछ भी नहीं तेरी मेरी कहानी है।
नदी की रुकती बहती धारों को मुग्ध भाव से निहारते शेखर के होंठों पर अनायास ही एक गीत
उभर रहा था। उसने महसूस किया कितना साम्य था इस गीत और उसकी जीवन यात्रा में।
इधर वैशाली के घर की खिड़की का पर्दा सरका कर अहमदाबाद शहर का नजारा देखने को व्याकुल थी पाखी की आँखें। पाँच वर्षों के लंबे अंतराल को पार करके आज वह पहुंची थी उसी शहर में जो उसके लिए अजनबी होकर भी अपना था। इधर river front पर भीड़ को चीरती हुई एक जानी पहचानी आवाज ने शेखर को स्मृति के झरोखों से जैसे बाहर ही खींच लिया। अरे! शेखर ? तुम यहाँ?
आखिर वो कंठस्वर किसका था जिसने शेखर के दिल में दबी चिंगारियों को हवा दी थी। जानने के लिए जरूर देखिए प्यार की ऐसी अद्भुत कहानी जो याद रहेगी आपको बरसों जुबानी।
दिल और दिमाग को मंत्रमुग्ध कर देने वाली इस audio series को जरूर एक बार सुनकर देखें और
तब जाकर ही channel subscribe करें।
An audio series directed and produced by majority of visually challenged and a few sighted supporting friends.
https://youtu.be/dib6wgO4j68?si=zyafOkcEePkjWEax
Connecting Dreams youtube channel presents Can I hold your hand- A beautiful love story fighting against social evils such as dowry and promoting widow remarriage.

Language: English
125 Views

You may also like these posts

3286.*पूर्णिका*
3286.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बावन यही हैं वर्ण हमारे
बावन यही हैं वर्ण हमारे
Jatashankar Prajapati
जाम अब भी बाक़ी है ...
जाम अब भी बाक़ी है ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
अनमोल रतन
अनमोल रतन
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
#नादान प्रेम
#नादान प्रेम
Radheshyam Khatik
देख लूं आज मैं भी 'अज़ीम आसमां को मुद्दतों से,
देख लूं आज मैं भी 'अज़ीम आसमां को मुद्दतों से,
manjula chauhan
यह जो पका पकाया खाते हैं ना ।
यह जो पका पकाया खाते हैं ना ।
SATPAL CHAUHAN
दिल
दिल
sheema anmol
रफू भी कितना करे दोस्ती दुश्मनी को,
रफू भी कितना करे दोस्ती दुश्मनी को,
Ashwini sharma
तेवरी-आन्दोलन युगानुरूप + शिव योगी
तेवरी-आन्दोलन युगानुरूप + शिव योगी
कवि रमेशराज
प्यासा_कबूतर
प्यासा_कबूतर
Shakil Alam
मोहब्बत
मोहब्बत
अखिलेश 'अखिल'
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
Rj Anand Prajapati
लम्बे सफ़र पर चलते-चलते ना जाने...
लम्बे सफ़र पर चलते-चलते ना जाने...
Ajit Kumar "Karn"
ठीक नहीं
ठीक नहीं
विक्रम कुमार
सभी के स्टेटस मे 9दिन माँ माँ अगर सभी के घर मे माँ ख़ुश है तो
सभी के स्टेटस मे 9दिन माँ माँ अगर सभी के घर मे माँ ख़ुश है तो
Ranjeet kumar patre
..
..
*प्रणय*
बस्तर का बोड़ा
बस्तर का बोड़ा
Dr. Kishan tandon kranti
चौपाई - तुलसीदास
चौपाई - तुलसीदास
Sudhir srivastava
मोहब्बत क्या है .......
मोहब्बत क्या है .......
sushil sarna
ज़िंदगी मेरी दर्द की सुनामी बनकर उभरी है
ज़िंदगी मेरी दर्द की सुनामी बनकर उभरी है
Bhupendra Rawat
बहकते हैं
बहकते हैं
हिमांशु Kulshrestha
डमरू वर्ण पिरामिड
डमरू वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
न दें जो साथ गर्दिश में, वह रहबर हो नहीं सकते।
न दें जो साथ गर्दिश में, वह रहबर हो नहीं सकते।
सत्य कुमार प्रेमी
शीर्षक: बाबुल का आंगन
शीर्षक: बाबुल का आंगन
Harminder Kaur
मेरा अरमान
मेरा अरमान
Shutisha Rajput
जो सबका हों जाए, वह हम नहीं
जो सबका हों जाए, वह हम नहीं
Chandra Kanta Shaw
सबको राम राम राम
सबको राम राम राम
इंजी. संजय श्रीवास्तव
मैं तुलसी तेरे आँगन की
मैं तुलसी तेरे आँगन की
Shashi kala vyas
12. Dehumanised Beings
12. Dehumanised Beings
Ahtesham Ahmad
Loading...