Bundeli doha
बुंदेली दोहा – जैबौ/जै लौ (भोजन करना)
‘राना’ जैबौ गय करन,मिलौ नेवतौ एक।
सबने खातन में करीं,बातें घरू अनेक।।
घर कौ जैबौ है सुखद,*राना* रोटी दाल।
पर जब हौबे बायरै,पेट बिगारे माल।।
सीता ने #राना करो,जैबौ श्री हनुमान।
सबइ सटक गय तब बली,माल पुआ पकवान।।
जैबौ तुलसी दल करे,पूरन श्री हनुमान।
#राना निपटी गट्ट तब,राम हँसे सब जान।।
#राना केशव चंद्रिका,बरनन है जिवनार।
जैबौ कर रय राम जी,सुन रय बतियाँ चार।।
*** दिनांक – 18-11-2024
✍️ राजीव नामदेव”राना लिधौरी”
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक-‘अनुश्रुति’त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
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