मेरा गाँव, बातें कुछ देखी, कुछ सुनी (संस्मरण कहानियाँ व लघु कथा संग्रह)
उमेश शर्मा "वशिष्ठ"
कोलकाता में विगत बत्तीस वर्षों के प्रवास के बाद भी, एक गाँव आज तक हाथ पकड़े बैठा है। इन दिनों जिंदगी थोड़ी ठहरी ठहरी सी है, तो नजरें एक बार फिर अतीत ढूँढ़ती दिखीं। कुछ पल स्मृतिपटल पर आज भी...