गुलमोहर तले
डॉ. भारती वर्मा बौड़ाई
ऐसी कविताएँ जिनमें जीवन के कई रंग हैं। रिश्तों की उष्मा भी हैं प्रकृति, पृथ्वी, जंगल के प्रति चिंता भी है, पुस्तकें, गौरैया के साथ बुजुर्ग भी हैं..गुलमोहर तले में कविताओं के साथ इन्हें जीना रुचिकर तो लगेगा ही आनंदित...