शब्दों के रंग - कविता के संग
डी. के. निवातिया
काव्य का सौंदर्य उसके विभिन्न रंगों रूपी विद्याओं में समाहित है जिन्हें शब्दों के माध्यम से उकेरा जाता है! शब्द जब पुष्प बनकर भिन्न रंगों में खिलते है तो काव्य के सौन्दर्य से साहित्य रूपी गुलशन सुसज्जित होकर महकने लगता...