अंतर्मन मन में उठने वाली संवेदनाएं हीं मूलतः काव्य विद्या की जननी होती है। एहसासों का ताना-बाना जब शब्दों के अद्भुत संसार से टकराता है, तो हृदय-स्पर्शी काव्यों की रचना... Read more
अंतर्मन मन में उठने वाली संवेदनाएं हीं मूलतः काव्य विद्या की जननी होती है। एहसासों का ताना-बाना जब शब्दों के अद्भुत संसार से टकराता है, तो हृदय-स्पर्शी काव्यों की रचना होती है। संयोग और वियोग, संवेदनाओं को प्रभावित करने वाले दो मुख्य तत्व है। जहां संयोग सकारात्मक भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है तो वियोग, उदासीनता और हृदय की पीड़ा का घोतक माना जाता है। काव्य-संग्रह “वियोग” हृदय की पीड़ा और मानस पटल की उदासीनता को दर्शाते हृदय-स्पर्शी काव्यों का संकलन है। ये संकलन आपके मन की अदृश्य भावनाओं को जागृत करते हुए, आपको सुकून की अनुभूति प्रदान करेगा। तपती रेत में ठंडी बारिश की भांति “वियोग” के काव्य आँखों में अश्रु भी लेकर आएंगे और चोटिल हृदय पर मरहम भी रख जाएंगे।
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