मैं प्रिया प्रिंसेस पवाँर,अपनी पुस्तक, "मैं को मैं ही रहने दो।"के साथ आप सभी के सामने प्रस्तुत हूँ। मैं,दिल के समंदर में जो विचारों की लहरें उठती हैं, उन लहरों...
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मैं प्रिया प्रिंसेस पवाँर,अपनी पुस्तक, “मैं को मैं ही रहने दो।”के साथ आप सभी के सामने प्रस्तुत हूँ।
मैं,दिल के समंदर में जो विचारों की लहरें उठती हैं, उन लहरों का रूप,खनक और नियति आप सभी तक पहुँचाना चाहती हूँ।
जीवन के विभिन्न भावों को अलग-अलग रूप में लिखा है इस पुस्तक में। शब्दों के सुगन्धित फूलों से,काव्य की गंगा से आशीर्वाद लेकर,कविताओं की प्रकृति रची है। प्रकृति में डूबकर, स्वयं ही प्रकृति बनकर,भावों की प्रकृति लिखी है।
शुभ कामनाओं और असीम प्रेम सहित…
प्रिया प्रिंसेस पवाँर
कवयित्री,लेखिका
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