कहने को किसी भी विषय पर कुछ भी कहा एवं लिखा जा सकता है। किन्तु कभी-कभी हम स्वयं न कहकर यह निर्णय दूसरों को सौंप देते हैं कि वे उन... Read more
कहने को किसी भी विषय पर कुछ भी कहा एवं लिखा
जा सकता है। किन्तु कभी-कभी हम स्वयं न कहकर
यह निर्णय दूसरों को सौंप देते हैं कि वे उन विषयों पर
सोचें और कहें।
मेरी नवीन कृति “कंचनी चिट्टी” को जिसमें मैंने अपने
आसपास के विभिन्न छोटे-बड़े विषयों एवं मनोभावों
को कलमबद्ध करने का प्रयास किया है, ऐसे ही भाव
के साथ साहित्य-प्रेमियों के समक्ष रखने का निर्णय
किया है।
सभी साहित्य-प्रेमियों की स्नेहपूर्ण प्रतिक्रियाओं हेतु
प्रतीक्षारत।
रचनाकार:- कंचन खन्ना।
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