इस पुस्तक में संग्रहित कहानियाँ कल्पना के धरातल पर गढ़ी नहीं गईं बल्कि आस-पास घट रही घटनाओं ने स्वतः ही शब्दों के माध्यम से आकार और विस्तार ले लिया। घटनाएँ... Read more
इस पुस्तक में संग्रहित कहानियाँ कल्पना के धरातल पर गढ़ी नहीं गईं बल्कि आस-पास घट रही घटनाओं ने स्वतः ही शब्दों के माध्यम से आकार और विस्तार ले लिया। घटनाएँ किताबों की दुनिया से उठकर चुपचाप कब आपको अपने आगोश में ले लेंगी ये आप पढ़कर ही अनुभव कर सकते हैं। हर उम्र व वर्ग के जीवन से जुड़ी ये कहानियाँ आप सब से कुछ कहना चाहती हैं तथा आपके विचारों को सुनना चाहती हैं।
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