Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Aug 2021 · 1 min read

सपना बुझाला जहान

रसे रसे रोवे परान
ये भइया, सपना बुझाला जहान

होला जनम तब बाजेला बधइया
बाबूजी सनेह आ प्यार देली मइया
पढ़ेला लोग फेरू पावेला नोकरी
देश आ विदेश, गाँव घूमेला सगरी
होला बिआह फेरू होखेला गवना
बचपन, जवानी भइल जाला सपना
बचे ना कवनो निशान-
ये भइया, सपना बुझाला जहान

केहू ना जाने कि आगे का होई
सुख मिली केकरा आ के बस रोई
कइसे ऊ कटी बुढ़ौती के रतिया
पार लागी जिनिगी कि होई दुरगतिया
बेटा आ बेटी लो जानी ना जानी
का जाने पूछी कि ना केहू पानी
का जाने कइसन विधान-
ये भइया, सपना बुझाला जहान

– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 15/02/2006

Language: Bhojpuri
Tag: गीत
411 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पिछले 4 5 सालों से कुछ चीजें बिना बताए आ रही है
पिछले 4 5 सालों से कुछ चीजें बिना बताए आ रही है
Paras Mishra
वह फूल हूँ
वह फूल हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak
*पैसे-वालों में दिखा, महा घमंडी रोग (कुंडलिया)*
*पैसे-वालों में दिखा, महा घमंडी रोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आँखों से नींदे
आँखों से नींदे
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
थोड़ा सा अजनबी बन कर रहना तुम
थोड़ा सा अजनबी बन कर रहना तुम
शेखर सिंह
💐अज्ञात के प्रति-152💐
💐अज्ञात के प्रति-152💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जां से गए।
जां से गए।
Taj Mohammad
कोई जिंदगी भर के लिए यूं ही सफर में रहा
कोई जिंदगी भर के लिए यूं ही सफर में रहा
कवि दीपक बवेजा
"सपने"
Dr. Kishan tandon kranti
यूज एण्ड थ्रो युवा पीढ़ी
यूज एण्ड थ्रो युवा पीढ़ी
Ashwani Kumar Jaiswal
क्यों और कैसे हुई विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत। क्या है 2023 का थीम ?
क्यों और कैसे हुई विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत। क्या है 2023 का थीम ?
Shakil Alam
मैंने पीनी छोड़ तूने जो अपनी कसम दी
मैंने पीनी छोड़ तूने जो अपनी कसम दी
Vishal babu (vishu)
3069.*पूर्णिका*
3069.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
परिभाषा संसार की,
परिभाषा संसार की,
sushil sarna
जो बनना चाहते हो
जो बनना चाहते हो
dks.lhp
क्यूँ भागती हैं औरतें
क्यूँ भागती हैं औरतें
Pratibha Pandey
हे नाथ कहो
हे नाथ कहो
Dr.Pratibha Prakash
(15)
(15) " वित्तं शरणं " भज ले भैया !
Kishore Nigam
कई आबादियों में से कोई आबाद होता है।
कई आबादियों में से कोई आबाद होता है।
Sanjay ' शून्य'
"भाभी की चूड़ियाँ"
Ekta chitrangini
अपात्रता और कार्तव्यहीनता ही मनुष्य को धार्मिक बनाती है।
अपात्रता और कार्तव्यहीनता ही मनुष्य को धार्मिक बनाती है।
Dr MusafiR BaithA
वैराग्य का भी अपना हीं मजा है,
वैराग्य का भी अपना हीं मजा है,
Manisha Manjari
जीवन एक संगीत है | इसे जीने की धुन जितनी मधुर होगी , जिन्दगी
जीवन एक संगीत है | इसे जीने की धुन जितनी मधुर होगी , जिन्दगी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
#एक_और_बरसी
#एक_और_बरसी
*Author प्रणय प्रभात*
ऐसी गुस्ताखी भरी नजर से पता नहीं आपने कितनों के दिलों का कत्
ऐसी गुस्ताखी भरी नजर से पता नहीं आपने कितनों के दिलों का कत्
Sukoon
Are you strong enough to cry?
Are you strong enough to cry?
पूर्वार्थ
बच्चे
बच्चे
Shivkumar Bilagrami
डॉ अरुण कुमार शास्त्री – एक अबोध बालक // अरुण अतृप्त
डॉ अरुण कुमार शास्त्री – एक अबोध बालक // अरुण अतृप्त
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नाहक करे मलाल....
नाहक करे मलाल....
डॉ.सीमा अग्रवाल
कोन ल देबो वोट
कोन ल देबो वोट
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
Loading...