Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Aug 2021 · 1 min read

भोजपुरी देशभक्ति गजल

२१२२ २१२२ २१२२ २१२

हो गइल आजाद जब, भारत ब्रिटिश शैतान से।
हिंद के जयकार गूंजल, खेत से खरिहान से।

जे भइल कुर्बान भारत, भूमि के रक्षा करत।
बा नमन, उनके नमन, शत् शत् नमन, सम्मान से।

बा हिमालय के मुकुट, सागर पखारत पाँव बा,
हिंद के वासी हईं हम, कहि सकेनीं शान से।

चन्द्रशेखर, बोस, गांधी, के ऋणी भारत रही,
देश के रक्षा करत जे, भी गइल बा जान से।

सन् बहत्तर, कारगिल, गलवान सबके याद बा,
शत्रु जब भागल रहल जी, युद्ध की मैदान से।

बा समर्पित रक्त के हर, बूंद हमरो देश पर,
देश खातिर काम आईं, चाह बा भगवान से।

हर घड़ी फहरत रहो, लहरत रहो हर हाल में,
‘सूर्य’ खातिर कीमती, बाटे तिरंगा प्रान से।

(स्वरचित मौलिक)
#सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य
तुर्कपट्टी, देवरिया, (उ.प्र.)
☎️7379598464

402 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बावरी
बावरी
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
ये कैसा घर है. . . .
ये कैसा घर है. . . .
sushil sarna
■ विज्ञापनलोक
■ विज्ञापनलोक
*Author प्रणय प्रभात*
रस का सम्बन्ध विचार से
रस का सम्बन्ध विचार से
कवि रमेशराज
तूफान सी लहरें मेरे अंदर है बहुत
तूफान सी लहरें मेरे अंदर है बहुत
कवि दीपक बवेजा
धनमद
धनमद
Sanjay ' शून्य'
(5) नैसर्गिक अभीप्सा --( बाँध लो फिर कुन्तलों में आज मेरी सूक्ष्म सत्ता )
(5) नैसर्गिक अभीप्सा --( बाँध लो फिर कुन्तलों में आज मेरी सूक्ष्म सत्ता )
Kishore Nigam
मैं क्यों याद करूँ उनको
मैं क्यों याद करूँ उनको
gurudeenverma198
"प्यासा"मत घबराइए ,
Vijay kumar Pandey
एक हमदर्द थी वो.........
एक हमदर्द थी वो.........
Aditya Prakash
शिष्टाचार एक जीवन का दर्पण । लेखक राठौड़ श्रावण सोनापुर उटनुर आदिलाबाद
शिष्टाचार एक जीवन का दर्पण । लेखक राठौड़ श्रावण सोनापुर उटनुर आदिलाबाद
राठौड़ श्रावण लेखक, प्रध्यापक
Heart Wishes For The Wave.
Heart Wishes For The Wave.
Manisha Manjari
"सत्य"
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
🌺🌸ग़नीमत रही मैं मिला नहीं तुमसे🌸🌺
🌺🌸ग़नीमत रही मैं मिला नहीं तुमसे🌸🌺
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ताप
ताप
नन्दलाल सुथार "राही"
लेखनी को श्रृंगार शालीनता ,मधुर्यता और शिष्टाचार से संवारा ज
लेखनी को श्रृंगार शालीनता ,मधुर्यता और शिष्टाचार से संवारा ज
DrLakshman Jha Parimal
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मांगने से रोशनी मिलेगी ना कभी
मांगने से रोशनी मिलेगी ना कभी
Slok maurya "umang"
वक्त तुम्हारा साथ न दे तो पीछे कदम हटाना ना
वक्त तुम्हारा साथ न दे तो पीछे कदम हटाना ना
VINOD CHAUHAN
कोई यादों में रहा, कोई ख्यालों में रहा;
कोई यादों में रहा, कोई ख्यालों में रहा;
manjula chauhan
2635.पूर्णिका
2635.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
दोहे-*
दोहे-*
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
विवेकानंद जी के जन्मदिन पर
विवेकानंद जी के जन्मदिन पर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
रंगों की सुखद फुहार
रंगों की सुखद फुहार
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
चुन लेना राह से काँटे
चुन लेना राह से काँटे
Kavita Chouhan
माँ का घर
माँ का घर
Pratibha Pandey
संघर्ष
संघर्ष
Sushil chauhan
तलाश
तलाश
Vandna Thakur
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
*मिटा-मिटा लो मिट गया, सदियों का अभिशाप (छह दोहे)*
*मिटा-मिटा लो मिट गया, सदियों का अभिशाप (छह दोहे)*
Ravi Prakash
Loading...