Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jul 2021 · 1 min read

पर्दाफाश

वर्ण-व्यवस्था पर
बहस होखो!
जाति-प्रथा पर
चर्चा चलो!!
इहां धर्म के नाम पर
का भईल!
पूरा दुनिया के
पता चलो!!
Shekhar Chandra Mitra
#OshoVision
#AmbedkarMovement

Language: Bhojpuri
204 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अपनी समस्या का समाधान_
अपनी समस्या का समाधान_
Rajesh vyas
बाल कविता: वर्षा ऋतु
बाल कविता: वर्षा ऋतु
Rajesh Kumar Arjun
कांटें हों कैक्टस  के
कांटें हों कैक्टस के
Atul "Krishn"
"लोकतंत्र के मंदिर" में
*Author प्रणय प्रभात*
💐अज्ञात के प्रति-154💐(प्रेम कौतुक-154)
💐अज्ञात के प्रति-154💐(प्रेम कौतुक-154)
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कुछ तो बात है मेरे यार में...!
कुछ तो बात है मेरे यार में...!
Srishty Bansal
उसकी अदा
उसकी अदा
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मेरी बच्ची - दीपक नीलपदम्
मेरी बच्ची - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
प्रेमी-प्रेमिकाओं का बिछड़ना, कोई नई बात तो नहीं
प्रेमी-प्रेमिकाओं का बिछड़ना, कोई नई बात तो नहीं
The_dk_poetry
*जिंदगी  जीने  का नाम है*
*जिंदगी जीने का नाम है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
झूठ भी कितना अजीब है,
झूठ भी कितना अजीब है,
नेताम आर सी
मेरी सफर शायरी
मेरी सफर शायरी
Ms.Ankit Halke jha
दोहा- बाबूजी (पिताजी)
दोहा- बाबूजी (पिताजी)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
" एक बार फिर से तूं आजा "
Aarti sirsat
यादों के बादल
यादों के बादल
singh kunwar sarvendra vikram
कुत्ते की व्यथा
कुत्ते की व्यथा
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
*अहम ब्रह्मास्मि*
*अहम ब्रह्मास्मि*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बातें की बहुत की तुझसे,
बातें की बहुत की तुझसे,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
खिलौनो से दूर तक
खिलौनो से दूर तक
Dr fauzia Naseem shad
खंडहर
खंडहर
Tarkeshwari 'sudhi'
जल्दी-जल्दी  बीत   जा, ओ  अंधेरी  रात।
जल्दी-जल्दी बीत जा, ओ अंधेरी रात।
दुष्यन्त 'बाबा'
गंतव्य में पीछे मुड़े, अब हमें स्वीकार नहीं
गंतव्य में पीछे मुड़े, अब हमें स्वीकार नहीं
Er.Navaneet R Shandily
रमेशराज की पद जैसी शैली में तेवरियाँ
रमेशराज की पद जैसी शैली में तेवरियाँ
कवि रमेशराज
*कोई मंत्री बन गया, छिना किसी से ताज (कुंडलिया)*
*कोई मंत्री बन गया, छिना किसी से ताज (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
खुद से प्यार
खुद से प्यार
लक्ष्मी सिंह
मौहब्बत में किसी के गुलाब का इंतजार मत करना।
मौहब्बत में किसी के गुलाब का इंतजार मत करना।
Phool gufran
सफर पर निकले थे जो मंजिल से भटक गए
सफर पर निकले थे जो मंजिल से भटक गए
डी. के. निवातिया
ये जो मेरी आँखों में
ये जो मेरी आँखों में
हिमांशु Kulshrestha
"कभी-कभी"
Dr. Kishan tandon kranti
एक बेटी हूं मैं
एक बेटी हूं मैं
Anil "Aadarsh"
Loading...