Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Sep 2021 · 1 min read

चोर चोर मउसेरा भाई

धीरे धीरे सबका के देखनी
अब केकरा के देखि धधाईं
केहू आई केहू जाई
चोर चोर मउसेरा भाई

-दुर्गेश दुर्लभ
गोपालगंज, बिहार

Language: Bhojpuri
2 Likes · 404 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"तेरे इश्क़ में"
Dr. Kishan tandon kranti
■ भाषा का रिश्ता दिल ही नहीं दिमाग़ के साथ भी होता है।
■ भाषा का रिश्ता दिल ही नहीं दिमाग़ के साथ भी होता है।
*Author प्रणय प्रभात*
चाहत नहीं और इसके सिवा, इस घर में हमेशा प्यार रहे
चाहत नहीं और इसके सिवा, इस घर में हमेशा प्यार रहे
gurudeenverma198
If you have someone who genuinely cares about you, respects
If you have someone who genuinely cares about you, respects
पूर्वार्थ
आदिपुरुष फ़िल्म
आदिपुरुष फ़िल्म
Dr Archana Gupta
*नेता जी के घर मिले, नोटों के अंबार (कुंडलिया)*
*नेता जी के घर मिले, नोटों के अंबार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मेरा शहर
मेरा शहर
विजय कुमार अग्रवाल
*
*"देश की आत्मा है हिंदी"*
Shashi kala vyas
Hello
Hello
Yash mehra
निर्मोही हो तुम
निर्मोही हो तुम
A🇨🇭maanush
प्रार्थना के स्वर
प्रार्थना के स्वर
Suryakant Dwivedi
एकाकीपन
एकाकीपन
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
अपनापन
अपनापन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जनता का भरोसा
जनता का भरोसा
Shekhar Chandra Mitra
सब कुछ यूं ही कहां हासिल है,
सब कुछ यूं ही कहां हासिल है,
manjula chauhan
सौंदर्य मां वसुधा की🙏
सौंदर्य मां वसुधा की🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
If you do things the same way you've always done them, you'l
If you do things the same way you've always done them, you'l
Vipin Singh
यूँ तो समन्दर में कभी गोते लगाया करते थे हम
यूँ तो समन्दर में कभी गोते लगाया करते थे हम
The_dk_poetry
अगर आज किसी को परेशान कर रहे
अगर आज किसी को परेशान कर रहे
Ranjeet kumar patre
राम - दीपक नीलपदम्
राम - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
अभी सत्य की खोज जारी है...
अभी सत्य की खोज जारी है...
Vishnu Prasad 'panchotiya'
गांव की सैर
गांव की सैर
जगदीश लववंशी
किसानों की दुर्दशा पर एक तेवरी-
किसानों की दुर्दशा पर एक तेवरी-
कवि रमेशराज
'आप ' से ज़ब तुम, तड़ाक,  तूँ  है
'आप ' से ज़ब तुम, तड़ाक, तूँ है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
हौसला बुलंद और इरादे मजबूत रखिए,
हौसला बुलंद और इरादे मजबूत रखिए,
Yogendra Chaturwedi
तुम जब भी जमीन पर बैठो तो लोग उसे तुम्हारी औक़ात नहीं बल्कि
तुम जब भी जमीन पर बैठो तो लोग उसे तुम्हारी औक़ात नहीं बल्कि
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
“पतंग की डोर”
“पतंग की डोर”
DrLakshman Jha Parimal
बापक भाषा
बापक भाषा
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
Loading...