Aawara
सनम,सुकून सांसों को अब ना गंवारा होगा
ये सच था, की तू न हमारा होगा
तुमने दिल्लगी की मेरी हर शर्त पर जब
देखना मुड़ कर एक रोज
खड़ा वही तेरा आवारा होगा
मुझे मेरे मुहब्बत का फरियाद याद है
मुझे अपने हाथों में तेरा हाथ याद है
मुझे अदा हुई मेरी मुराद याद है
किसी की दुवाओं का सहारा होगा
देखना मुड़ कर एक रोज
खड़ा वही तेरा आवारा होगा
कोड़े ख्वाबों में अब भी तेरा ही काया है
मेरी जुबा मेरी धड़कन पर तू ही हमशाया है
तू भी राह तखना उस रोज
जब तेरे दिल ने मुझे बुलाया होगा
और मिलने तुझसे
तेरा आवारा आया होगा