_- आओ थोड़ा दर्द बांट लें -_
आओ साथ निभाएं सबका, आओ साथ निभाएं।
हर दिल को हर्षाएं आओ, हर मन को दुलराएं।
रोतों का रोना हम ले लें, अपनी हंसी का इक टुकड़ा देकर।
भूखे को खुश कर दें खुद, की रोटी से टुकड़ा देकर।
छोटी छोटी खुशियाँ दे, हम उनके दुख को बटाएं।
आओ साथ निभाएं सबका, आओ साथ निभाएं।
हर दिल को हर्षाएं आओ, हर मन को दुलराएं।
रोगी, वृद्ध और बालक का, हम हरदम साथ निभाएं।
सूरदास को राह दिखाएं, हम कमज़ोरों को संभालें।
दुआ करें भगवान् से इनके, सब कष्टों को मिटाएं।
आओ साथ निभाएं सबका आओ साथ निभाएं।
हर दिल को हर्षाएं आओ, हर मन को दुलराएं।
—रंजना माथुर दिनांक 18/09/2017
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
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