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19 Dec 2022 · 1 min read

भूला प्यार

अब तो हिचकियों ने भी
नाता तोड़ दिया है हमसे
सोचता रहता हूँ मैं यही
जाने क्या भूल हो गई है हमसे

ये धड़कनें भी पड़ गई है मद्यम
जो आने से कौंध जाती थी उसके
दिल तोड़ दिया है आज उसने
हम तहे दिल से मुरीद थे जिसके

क्यों होता है दिल के साथ हर बार ऐसा
चाहता है वो जिसे, वो नहीं चाहता है उसे
जाने क्यों होता है दिल की दुनिया में ऐसा
अब हम दिल की बात बताएं भी तो किसे

आंसू बहाता था वो भी उस तरफ
बैचेन रहता था मैं भी इस तरफ
कहते नहीं थे हम दोनों कुछ भी
दिखता था वही देखता था मैं जिस तरफ

हो गया है फिर क्या ऐसा
नहीं रहा वो अब पहले जैसा
या थी बस मेरी कोरी कल्पना
जो सोच रहा था मैं कुछ ऐसा

याद उसको जब आती थी मेरी
शायद अब वो वक्त याद नहीं है उसको
ढूंढती थी कभी वो भी मुझे
कैसे याद दिलाऊं अब ये मैं उसको।

Language: Hindi
9 Likes · 2 Comments · 872 Views

Books from सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'

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