उनको मेरा नमन है जो सरहद पर खड़े हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
किससे माफी माँगू, किसको माँफ़ करु।
प्रकृति का अंग होने के कारण, सर्वदा प्रकृति के साथ चलें!
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
रहे मुदित यह सोच कर,बुद्धिहीन इंसान
बच्चों की दुनिया: माँ या मोबाइल
किसी का कुछ भी नहीं रक्खा है यहां
.......... मैं चुप हूं......