Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jul 2024 · 1 min read

5 लाइन

सच तो शब्द हम सभी के होते हैं।
कहीं न कहीं दिल के दर्द कहते हैं।
एक सच मेरे एक दोस्त नसीब हैं।
वहीं हमको मिलकर रहता है।
हम गुलाब को भी कांटों से चुनते हैं।
नीरज

Language: Hindi
63 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कुप्रथाएं.......एक सच
कुप्रथाएं.......एक सच
Neeraj Agarwal
बिलकुल सच है, व्यस्तता एक मायाजाल,समय का खेल, मन का ही कंट्र
बिलकुल सच है, व्यस्तता एक मायाजाल,समय का खेल, मन का ही कंट्र
पूर्वार्थ
Live in Present
Live in Present
Satbir Singh Sidhu
कदम रोक लो, लड़खड़ाने लगे यदि।
कदम रोक लो, लड़खड़ाने लगे यदि।
Sanjay ' शून्य'
जीवन मर्म
जीवन मर्म
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
आ गई रंग रंगीली, पंचमी आ गई रंग रंगीली
आ गई रंग रंगीली, पंचमी आ गई रंग रंगीली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*श्री सुंदरलाल जी ( लघु महाकाव्य)*
*श्री सुंदरलाल जी ( लघु महाकाव्य)*
Ravi Prakash
आँखों में सपनों को लेकर क्या करोगे
आँखों में सपनों को लेकर क्या करोगे
Suryakant Dwivedi
🌹🌹 *गुरु चरणों की धूल*🌹🌹
🌹🌹 *गुरु चरणों की धूल*🌹🌹
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ଖେଳନା ହସିଲା
ଖେଳନା ହସିଲା
Otteri Selvakumar
धीरे _धीरे ही सही _ गर्मी बीत रही है ।
धीरे _धीरे ही सही _ गर्मी बीत रही है ।
Rajesh vyas
कई बार सोचती हूँ ,
कई बार सोचती हूँ ,
Manisha Wandhare
"" *सिमरन* ""
सुनीलानंद महंत
जो लोग अपनी जिंदगी से संतुष्ट होते हैं वे सुकून भरी जिंदगी ज
जो लोग अपनी जिंदगी से संतुष्ट होते हैं वे सुकून भरी जिंदगी ज
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तुम्हारी आँखें...।
तुम्हारी आँखें...।
Awadhesh Kumar Singh
हम कोई भी कार्य करें
हम कोई भी कार्य करें
Swami Ganganiya
शुभकामना
शुभकामना
DrLakshman Jha Parimal
शौक या मजबूरी
शौक या मजबूरी
संजय कुमार संजू
भ्रम
भ्रम
Dr.Priya Soni Khare
गुज़ारिश है रब से,
गुज़ारिश है रब से,
Sunil Maheshwari
खेल खिलाड़ी
खेल खिलाड़ी
Mahender Singh
दोहा
दोहा
Dinesh Kumar Gangwar
ख़ुद-बख़ुद टूट गया वक़्त के आगे बेबस।
ख़ुद-बख़ुद टूट गया वक़्त के आगे बेबस।
*प्रणय प्रभात*
रौनक़े  कम  नहीं  है  चाहत  की,
रौनक़े कम नहीं है चाहत की,
Dr fauzia Naseem shad
" रौशन "
Dr. Kishan tandon kranti
हे नारियों खंजर लेकर चलो
हे नारियों खंजर लेकर चलो
Sonam Puneet Dubey
आतें हैं जब साथ सब लोग,
आतें हैं जब साथ सब लोग,
Deevakriti {Anushka Srivastava}
सबके सुख में अपना भी सुकून है
सबके सुख में अपना भी सुकून है
Amaro
3837.💐 *पूर्णिका* 💐
3837.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कितना आसान है मां कहलाना,
कितना आसान है मां कहलाना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...