Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Apr 2024 · 1 min read

3243.*पूर्णिका*

3243.*पूर्णिका*
🌷 सुनने की सुंदर बात मिलती है🌷
22 22 2212 22
सुनने की सुंदर बात मिलती है ।
बढ़ने की यूँ सौगात मिलती है ।।
हम ना जाने मौसम यहाँ कैसा।
खुशियाँ हमको दिन रात मिलती है।।
अपनी तो दुनिया देख प्यारी-सी।
जीत जहाँ न कभी मात मिलती है ।।
आज बुलंद इरादा यहाँ रख चल ।
अपनों से पल पल घात मिलती है।।
महके हरदम ये जिंदगी खेदू ।
चाहत बदले हालात मिलती है।।
………✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
07-04-2024रविवार

100 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

साथ
साथ
Rambali Mishra
रहमत थी हर जान ,,,
रहमत थी हर जान ,,,
Kshma Urmila
10. Fatherly Throes
10. Fatherly Throes
Ahtesham Ahmad
जजमैंटल
जजमैंटल
Shashi Mahajan
दीवार
दीवार
अखिलेश 'अखिल'
सुहाता बहुत
सुहाता बहुत
surenderpal vaidya
माना कि मैं खूबसूरत नहीं
माना कि मैं खूबसूरत नहीं
Surinder blackpen
तुम सहारा बनकर आओगे क्या?
तुम सहारा बनकर आओगे क्या?
Jyoti Roshni
बेरंग होते रंग
बेरंग होते रंग
Sarla Mehta
पृथ्वी दिवस
पृथ्वी दिवस
Bodhisatva kastooriya
कातिलाना है चाहत तेरी
कातिलाना है चाहत तेरी
Shinde Poonam
अगर एक बार तुम आ जाते
अगर एक बार तुम आ जाते
Ram Krishan Rastogi
अंजुरी भर....
अंजुरी भर....
Shally Vij
अग्रसेन जी की आरती।
अग्रसेन जी की आरती।
Dr Archana Gupta
हमारा दिल।
हमारा दिल।
Taj Mohammad
बाकी है...
बाकी है...
Manisha Wandhare
Why am I getting so perplexed ?
Why am I getting so perplexed ?
Chaahat
आया सावन मन भावन
आया सावन मन भावन
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*जब शिव और शक्ति की कृपा हो जाती है तो जीव आत्मा को मुक्ति म
*जब शिव और शक्ति की कृपा हो जाती है तो जीव आत्मा को मुक्ति म
Shashi kala vyas
आज फिर
आज फिर
Chitra Bisht
*एक चूहा*
*एक चूहा*
Ghanshyam Poddar
गिरता है गुलमोहर ख्वाबों में
गिरता है गुलमोहर ख्वाबों में
शेखर सिंह
ಒಂದೇ ಆಸೆ....
ಒಂದೇ ಆಸೆ....
ಗೀಚಕಿ
शिकवा नहीं मुझे किसी से
शिकवा नहीं मुझे किसी से
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
हम उस पीढ़ी के लोग है
हम उस पीढ़ी के लोग है
Indu Singh
"शोर"
Dr. Kishan tandon kranti
खुदा तो रुठा था मगर
खुदा तो रुठा था मगर
VINOD CHAUHAN
समझ आती नहीं है
समझ आती नहीं है
हिमांशु Kulshrestha
2915.*पूर्णिका*
2915.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कुत्ते का श्राद्ध
कुत्ते का श्राद्ध
Satish Srijan
Loading...