26 जुलाई- कारगिल विजय दिवस पर विशेष
आभारी है भारत
उनके रक्त से सींची हुई एक फुलवारी है भारत
कारगिल के वीर सपूतों का आभारी है भारत
कारगिल वो युद्ध जिसे हम भूले से भी न भूले
जाने कितने लाल यहां के बलिवेदी पर जा झूले
जाने कितने वीर वहां पर घायल हुए पडे़ थे जी
लेकिन उनके मजबूत इरादे नभ से भी बड़े थे जी
ईश्वर से जो मिला वो अमूल वरदान बचा लेते
वो भी अगर चाहते तो अपनी जान बचा लेते
पर उन्होंने भारत मां की आन बचाने की ठानी
हिन्द के हर एक वासी के सम्मान बचाने की ठानी
उनके बूते ही पराक्रम का अधिकारी है भारत
कारगिल के वीर सपूतों का आभारी है भारत
भारत माता के दामन पर लिख डाली अक्षयगाथा
उनकी चौडी़ छाती से पाक आज भी भय खाता
दर्द और पीडा़ से न कोई समझौता वीरों में
शौर्य साहस का संगम इकलौता यहां के वीरों में
उनका हिम्मत उनका बल ही भारत मां का रक्षक है
उनके अदम्य साहस की पूरी दुनिया प्रशंसक है
डटे हुए थे बिना डिगे वो पर्वत जैसे मुश्किल में
छाप छोड़ दी भारत के बच्चे बच्चे के दिल में
उनकी उन बलिदानों का सदा पुजारी है भारत
कारगिल के वीर सपूतों का आभारी है भारत
कारगिल के वीर सपूतों का आभारी है भारत
विक्रम कुमार
मनोरा, वैशाली