कुदरत है बड़ी कारसाज
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सर्दी के हैं ये कुछ महीने
सुनो जब कोई भूल जाए सारी अच्छाइयों. तो फिर उसके साथ क्या किय
कमजोर से कमजोर स्त्री भी उस वक्त ताकतवर हो जाती है जब उसे,
"तनाव में रिश्तों की डोरियां हैं ll
परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*"मुस्कराने की वजह सिर्फ तुम्हीं हो"*
*शिवोहम्* "" ( *ॐ नमः शिवायः* )
तूफ़ान कश्तियों को , डुबोता नहीं कभी ,