Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 May 2024 · 1 min read

1,सदा रखेंगे मान गर्व से ये सर उठा रहा।

(I) ग़ज़ल
—‘ ” ‘ “—-‘ ” ‘ “—‘ ” ‘ “—‘ ” ‘ “—-

सदा रखेंगे मान गर्व से ये सर उठा रहा।
ये जिंदगी सदा से देश का ही बा वफ़ा रहा।।

अगर कभी भी देश पे जो दुश्मनों ने वार की ।
तो जान को लुटाते सैनिकों का काफ़िला रहा।।

क़दम क़दम बढ़ा के हम नया शिखर को पाएंग।
मिलेगी हमको जीत ही ,ये हौसला सदा रहा।।

अदब से सर झुका के इस धरा को मैं नमन करु।
घुला है ज़िंदगी में सौंधी सी महक जुदा रहा।।

खिला रहे चमन मेरा ये गुल महक बिखेरता।
करें जहां भी गर्व यें सदा से बस दुआ रहा।।

अदब से सर झुका के इस धरा को मैं नमन करु।
बसा है धड़कनों में ये सदा से जो ख़ुदा रहा।।

गली गली सजा के “ज्योटी” हाथ में तिरंगा ले।
सभी के दिल है जोश में ये ज़श्न को मना रहा।।

ज्योटी श्रीवास्तव( jyoti Arun Shrivastava)
अहसास ज्योटी 💞✍️

1 Like · 26 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
View all
You may also like:
कामयाबी का नशा
कामयाबी का नशा
SHAMA PARVEEN
मेरे बस्ती के दीवारों पर
मेरे बस्ती के दीवारों पर
'अशांत' शेखर
जिंदगी सितार हो गयी
जिंदगी सितार हो गयी
Mamta Rani
खुद से उम्मीद लगाओगे तो खुद को निखार पाओगे
खुद से उम्मीद लगाओगे तो खुद को निखार पाओगे
ruby kumari
" सर्कस सदाबहार "
Dr Meenu Poonia
23/178.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/178.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुझे फ़र्क नहीं दिखता, ख़ुदा और मोहब्बत में ।
मुझे फ़र्क नहीं दिखता, ख़ुदा और मोहब्बत में ।
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
"पेरियार ललई सिंह यादव"
Dr. Kishan tandon kranti
क्यों हो गया अब हमसे खफ़ा
क्यों हो गया अब हमसे खफ़ा
gurudeenverma198
साहित्य का बुनियादी सरोकार +रमेशराज
साहित्य का बुनियादी सरोकार +रमेशराज
कवि रमेशराज
खेल खिलौने वो बचपन के
खेल खिलौने वो बचपन के
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
चार मुक्तक
चार मुक्तक
Suryakant Dwivedi
ना प्रेम मिल सका ना दोस्ती मुकम्मल हुई...
ना प्रेम मिल सका ना दोस्ती मुकम्मल हुई...
Keshav kishor Kumar
#शेर-
#शेर-
*प्रणय प्रभात*
*चलिए बाइक पर सदा, दो ही केवल लोग (कुंडलिया)*
*चलिए बाइक पर सदा, दो ही केवल लोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
किसी को सच्चा प्यार करने में जो लोग अपना सारा जीवन लगा देते
किसी को सच्चा प्यार करने में जो लोग अपना सारा जीवन लगा देते
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अब हम क्या करे.....
अब हम क्या करे.....
Umender kumar
संस्कारों को भूल रहे हैं
संस्कारों को भूल रहे हैं
VINOD CHAUHAN
मेरा नसीब
मेरा नसीब
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
कामवासना
कामवासना
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
सँविधान
सँविधान
Bodhisatva kastooriya
मजदूरों से पूछिए,
मजदूरों से पूछिए,
sushil sarna
दर्पण
दर्पण
Kanchan verma
अंतिम युग कलियुग मानो, इसमें अँधकार चरम पर होगा।
अंतिम युग कलियुग मानो, इसमें अँधकार चरम पर होगा।
आर.एस. 'प्रीतम'
Har Ghar Tiranga
Har Ghar Tiranga
Tushar Jagawat
कुछ
कुछ
Shweta Soni
चौथापन
चौथापन
Sanjay ' शून्य'
सत्य संकल्प
सत्य संकल्प
Shaily
सारी जिंदगी की मुहब्बत का सिला.
सारी जिंदगी की मुहब्बत का सिला.
shabina. Naaz
सैनिक की कविता
सैनिक की कविता
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
Loading...