1,सदा रखेंगे मान गर्व से ये सर उठा रहा।
(I) ग़ज़ल
—‘ ” ‘ “—-‘ ” ‘ “—‘ ” ‘ “—‘ ” ‘ “—-
सदा रखेंगे मान गर्व से ये सर उठा रहा।
ये जिंदगी सदा से देश का ही बा वफ़ा रहा।।
अगर कभी भी देश पे जो दुश्मनों ने वार की ।
तो जान को लुटाते सैनिकों का काफ़िला रहा।।
क़दम क़दम बढ़ा के हम नया शिखर को पाएंग।
मिलेगी हमको जीत ही ,ये हौसला सदा रहा।।
अदब से सर झुका के इस धरा को मैं नमन करु।
घुला है ज़िंदगी में सौंधी सी महक जुदा रहा।।
खिला रहे चमन मेरा ये गुल महक बिखेरता।
करें जहां भी गर्व यें सदा से बस दुआ रहा।।
अदब से सर झुका के इस धरा को मैं नमन करु।
बसा है धड़कनों में ये सदा से जो ख़ुदा रहा।।
गली गली सजा के “ज्योटी” हाथ में तिरंगा ले।
सभी के दिल है जोश में ये ज़श्न को मना रहा।।
ज्योटी श्रीवास्तव( jyoti Arun Shrivastava)
अहसास ज्योटी 💞✍️